IRCTC INDIAN RAILWAYS यात्रियों को 4 लाख सीटों की सौगात! शुरू हुई प्रक्रिया
IRCTC INDIAN RAILWAYS: हेड ऑन जनरेशन' सिस्टम के जरिए रेलवे ट्रेन में लगने वाले अतिरिक्त बिजली के इंजन को हटा दिया जाएगा और इसके बदले में यात्रियों को डिब्बा जोड़ा सकता है।
हेड ऑन जनरेशन’ (HOG) सिस्टम के तहत 14 जोड़ी ट्रेनों को परिवर्तित किया है।
‘Head On Generation’ (HOG) system,...
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भारतीय रेलवे ने एक नई प्रणाली का उपयोग करते हुए यात्रियों को 4 लाख सीटों की सौगात दी है। उत्तर रेलवे ज़ोन ने हाल ही में ‘हेड ऑन जनरेशन’ (HOG) सिस्टम नाम की एक प्रणाली अपनाई है। इसके तहत 14 जोड़ी ट्रेनों को परिवर्तित किया है। एचओजी प्रणाली लागत प्रभावी है और यह भारतीय रेलवे को अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने में मदद करेगी। दरअसल इस प्रणाली के तहत पावर कारों को यात्री डिब्बों में बदला जा रहा है। ऐसा करने से यात्री डिब्बों की संख्या बढ़ जाएगी और लगभग 4 लाख सीटें बढ़ जाएंगी।
हेड ऑन जनरेशन’ सिस्टम के जरिए रेलवे ट्रेन में लगने वाले अतिरिक्त बिजली के इंजन को हटा दिया जाएगा और इसके बदले में यात्रियों को डिब्बा जोड़ा सकता है। इस नई टेक्नोलॉजी से ट्रेन इंजन से पावर जनरेट होगी और बिजली के लिए अतिरिक्त पावर कार नहीं जोड़नी होगी। इस कारण से एसी और लाइटिंग के लिए इंजन से ही पावर जनरेट हो जाएगा। अभी इस तरह के काम के लिए हर ट्रेन में 1 से 2 अतिरिक्त पावर कार जोड़ी जाती हैं।
उत्तर रेलवे ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में शताब्दी की छह जोड़ी, राजधानी की चार जोड़ी, 12235/36 आनंद विहार टी – मधुपुर जंक्शन। हमसफर एक्सप्रेस, 22401 दिल्ली सराय रोहिल्ला- उधमपुर एसी एक्सप्रेस, 12280/79 ताज एक्सप्रेस और 12497/98 शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस इस प्रणाली पर चलाई जा रही है। एचओजी सिस्टम का उपयोग उत्तर रेलवे को सालाना लगभग 42 करोड़ की बचत करने में मदद करेगा।
अपने यात्रियों को भविष्य की सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने अपने सभी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) कोचों को लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोच में बदलना शुरू कर दिया है। एक यात्री ट्रेन की जरूरतों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए, जो एयर कंडीशनिंग, लाइट्स, पंखे, चार्जिंग पॉइंट और पेंट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्बाध बिजली की आपूर्ति को सामूहिक रूप से “होटल लोड” कहते हैं।
इसके लिए जनरेटर के तौर पर पावर कार का उपयोग किया जाता है। पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर सप्लाई सिस्टम और कंट्रोल सिस्टम में टेक्नोलॉजी के बढ़ने से अब रेलवे HOG सिस्टम अपना रहा है। इस सिस्टम में सीधे ट्रेन के इंजन से ही पावर की सप्लाई की जा सकती है और पावर कार्स की जरूरत नहीं होती।